UA-44034069-1

Monday, February 23, 2009

आओ, करोड़पति कुत्ते का नाम बदलें....!!!

दोस्तों, चंडीगढ़ में कल कुत्ता-प्रदर्शनी यानी 'डॉग-शो' लगी थी. कई नस्ल और किस्म के कुत्ते आए थे हिस्सा लेने क लिए. लेकिन सब में एक बात समान थी और वो यह कि उनमें से कोई भी 'स्लमडॉग' नहीं था और उन सभी के मालिक 'करोड़पति' थे. एक कुत्ता तो ऐसा भी था जिसकी कीमत साथ लाख बताई गयी जो लगभग करोड़ रुपये के करीब है. जाहिर हैं कुत्ते को चुरा ले जाने वाला भी करोड़पति बन जायेगा. खैर, मॉडल और एक्टर गुल पनाग भी वहां आई हुई थी. जिस बात ने मेरा ध्यान खींचा वह था उसके कुत्ते का नाम ऑस्कर है. ऑस्कर से मुझे तुरन्त याद आया कि हमारे यहाँ की झुग्गी-बस्ती का एक कुत्ता इन दिनों करोड़पति बन गया है और 'ऑस्कर' पुरस्कार में भी सबसे आगे पहुँच गया है. इसमें क्या बड़ी बात है? हमारे यहाँ तो कुत्तों के नाम ही ऑस्कर हैं...!! नाम से याद आया कि पिछले दिनों एक बड़ा विवाद यह भी सुर्खियों में रहा कि आमिर खान के कुत्ते का नाम शाहरुख़ खान है. इसका मतलब आमिर साहब भी टॉप लेवल के कुत्तों के शौकीन हैं. नाम बड़ी चीज़ है. स्लम डॉग मिलिनेयर फ़िल्म ने हिंदुस्तान का नाम ऑस्कर तक पहुँचा दिया और लोग हैं कि झुग्गी-बस्ती के कुत्तों के नाम खराब करने का रोना रो रहे हैं. मुंबई झुग्गी बस्ती में रहने वालों ने मोर्चा खोल दिया कि फ़िल्म ने उनकी इज्ज़त मिट्टी में मिला दी. झुग्गी बस्ती के कुत्ते भी अब उनकी इज्ज़त नहीं करते. उन्होंने मांग कि कि फ़िल्म का नाम बदलो. नहीं हुआ. ऑस्कर पाने वालों ने कहा-अज्जी, छोडो भी. कुत्ते तो भोंकते रहते हैं. आप गाना सुनिए. इनका क्या है? कल को बोलेंगे एचऍमवी का निशान बदल दो..उसमें भी कुत्ता बैठा है ग्रामोफोन के सामने. कुत्ते का नाम बदलने से ही यह भी याद आया कि मेरा एक दोस्त था सर्वमीत सिंह. पत्रकार था. स्पष्टवादी और बेबाक. . सभी अच्छे लोगों कि तरह वह भी जल्दी चला गया इस दुनिया से. एक बार उसने मुझे बताया कि रात को खाना खाने के बाद जब वह सैर करने निकला तो उसे एक महिला मिली जो अपने तीन साल के बच्चे को घुमा रही थी. बच्चे ने गली के एक कुत्ते को देखा और बोला- मम्मी, देखो कुत्ता..!! महिला बोली-नो, बेटा वो डोग्गी है. बच्चे ने फ़िर अपनी भाषा में बोलने कि जिद की कि- मम्मी, वो कुत्ता है. महिला नहीं चाहती थी कि उसका बेटा कुत्ते को कुत्ता कहे. सर्वमीत से रहा नहीं गया. बच्चे से बोला-बेटा, तू मुझे कुत्ता कह ले, पर उसको डोग्गी ही बोल दे. अब यह बताने कि जरूरत नहीं कि महिला ने सरदार जी के साथ क्या किया होगा. खैर, नाम और बदलने कि मांग से जुड़ी एक ख़बर ने हमारे शौकत मियाँ को काफ़ी तकलीफ दी है. सलून वालों ने 'बिल्लू बारबर' फ़िल्म का नाम बदलने कि मांग रख दी. और हैरानी तो यह है कि नाम तुंरत ही बदल दिया गया. और तो और शाहरुख़ खान ने माफ़ी भी मांग ली. उन्हें पता है ये कोई साधारण नाई नहीं हैं. पेज 3 पर छपने वाले लोग हैं. अंग्रेज़ी बोलने वाले, सिल्विया जैसे, लन्दन से बाल काटने कि ट्रेनिंग लेकर आने वाले. दो दिन के लिए भी हड़ताल पर चले गए तो पेज 3 की सारी पार्टियों का भट्ठा बैठ जाएगा. शौकत मियाँ का कहना है-मिया, हमें चालीस साल हो गए लोगों की हजामत बनाते हुए. रहे फ़िर भी नाई के नाई. एक मौका मिल रहा था नाई से बारबर बनने का..साले, वो भी ले गए. नाम की महिमा के बारे में मैं ज्यादा नहीं कहूँगा. सिर्फ़ उतनी बात जो मेरे इर्द-गिर्द हो रही है. ऋतू चौधरी के महिमा बनने की कहानी कहने पर गया तो युसूफ साहब से दिलीप कुमार बनने और ऐ.आर. दिलीप कुमार से ऐ.आर. रहमान बनने और करोड़पतियों के कुत्तों का नाम ऑस्कर रखे जाने की बात भी कहनी पड़ेगी. मैं एक ऐसे परिवार की बात जरूर करूँगा जिन्होंने अपनी बेटी का नाम इतना सटीक रखा है कि हैरानी होती है. अंकल जी पंजाब से हैं और आंटी जी हरियाणा से. घर में बेटी हुई तो नाम सोचा जाने लगा. फ़िर दोनों ने मिलकर नाम रखा 'परियाना'-पंजाब और हरियाणा को मिलाकर. अंकल ने दोनों राज्यों को मिला दिया और आंटी ने इसका मतलब निकाला-परी का आना. शायद हमारे पॉलिटिकल लीडर और लड़कियों को गर्भ में मार देने वाले भी सबक ले लें परियाना से. नाम रखने और बदल लेने का भी रिवाज़ आजकल चल रहा है. लोग तो मानते हैं कि इसकी शुरुआत करीना कपूर कि बहन करिश्मा कपूर ने कि थी जिसने अपना नाम बदल कर मोटर सायिकल जैसा कर लिया था-करिज्मा..!! उसके बाद बॉलीवुड में फैशन चल पड़ा. मुझे याद आता है करीब बीस साल पहले मैंने किसी के घर के आगे लगी नेम प्लेट देखि थी जिसमे kapoor की जगह capoor लिखा था. मैं कई साल तक सोचता रहा की शायद स्पेलिंग ग़लत हो गए है. अब हालत ऐसे हैं कि किसी ने दो 'ऐ' लगा लिए हैं किसी ने दो 'बी'. मेरे दोस्त आदित्य के ऑफिस में काम करने वाली एक लड़की ने अपने नाम प्रियंका में 'एच' लगा लिया है. उसे विश्वास है कि उसका नया नाम करिज्मा करेगा. देखते हैं. बाकी, एक बात और बता देता हूँ जो मुझे अभी अभी याद आई है. मुझे जानने वाले एक सज्जन ने बताया कि उसने तीन कुत्ते पाल रखे हैं, जबकि उसके पिता कहते हैं कि उनके घर में चार कुत्ते हैं. शेरू, टॉमी, बाक्सर के अलावा चौथा कौन??? चौथा जोनी-यानी मैं...!!! मुझे नाम बदल लेना चाहिए यार..! कोई जानता है क्या नुमेरोलोजिस्ट???

No comments:

Post a Comment